जीवन में इस को अपनाओ।।
शोभा होतीं दोनों कुल की
चिंतन यह जीवन में लाओ।।
बेटों से कम इन्हें न समझो।
बेटों जैसे इन्हें पढ़ाओ।।
विद्योत्तमा गार्गी हैं ये।
इसी रूप में इनको पाओ।।
बाबुल की चिड़िया होती हैं।
सच्चे मोती इन्हें बनाओ।।
जब घर में पैदा हो बेटी।
द्वारे मंगल कलश सजाओ।।
दो कुल में खुशहाली लातीं
मंगल गीत हमेशा गाओ।।
बातें सारी सच्ची मानो
वीनू बंदनवार बनाओ।।
वीनू शर्मा
जयपुर राजस्थान