बातें भूलो आज,कहीं तो चलना प्यारे |
घोली मिसरी भाव , लगे जब मन को न्यारे ||
तेरा सृजन कर्तार,नमन है दीनदयाला |
वही उतारे पार, सभी को उसने पाला ||
माता के दरबार, मिटेंगे संशय सारे |
नमन करो अब नाथ, चलो अब मन को तारे |
भजन करो दिन रात,मिलेंगे दर्शन प्यारे |
होगा तुझको ज्ञान, भाग्यफल मातु सँवारे ||
सृजन करे भगवान, वही है राह दिखाते |
दाता कृपा निधान, सभी वे मेल मिलाते||
पूरी होती आस, जोड़ कर शीश झुकाना |
होगा जग में मान, उन्हीं पर ध्यान लगाना ||
सृजन करो नव गीत,ह्रदय से सब गाएंगे |
खुशी रहे परिवार, मनुज मन हर्षायेंगे ||
चलो सत्य की राह,सदा तुम पालन करना |
राग द्वेष सब भूल,प्रेम से आगे बढ़ना ||
यही रहे अरदास, लिखूँ अब कविता सुन्दर |
भक्ति भाव से पूर्ण, बसे उर शुभदा अंदर ||
भरो सदा शुभ भाव,खोलकर हृदय झरोखे |
सृजन सुखद संसार, मिले अब दर्श अनोखे ||
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कवयित्री
कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "
लखनऊ
उत्तरप्रदेश