आचार्य श्री जिन मणिप्रभ सूरीश्वर जी के 50वें दीक्षा वर्ष में प्रवेश पर कई कार्यक्रम आयोजित हुए

सरलता के धनी है आचार्य मणिप्रभ सूरीश्वर-साध्वी अमित गुणा श्री

बाड़मेर । पूज्य गुरुदेव खरतर गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिन मणिप्रभ सूरीश्वर जी म.सा. के 50वें दीक्षा वर्ष प्रवेश पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत तीसरे दिन सोमवार को जिनकांतिसागरसूरी आराधना भवन में प्रवचन व सामूहिक सामयिक का कार्यक्रम आयोजित किया गया। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के उपाध्यक्ष नरेश लूणिया व सचिव केवलचन्द छाजेड़ ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा., माताजी म.सा. रत्नमाला श्रीजी म.सा. व बहिन म.सा. डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. के 50वें दीक्षा वर्ष के प्रवेश के उपलक्ष में अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद शाखा बाड़मेर एवं खरतरगच्छ महिला परिषद शाखा बाड़मेंर के तत्वाधान में सोमवार को आराधना भवन में साध्वी अमितगुणा श्रीजी म.सा. व साध्वी नीतिप्रज्ञा श्रीजी म.सा. की पावन निश्रा में सामुहिक गुरूवन्दन के साथ धर्मसभा का आयोजन हुआ। 

धर्म सभा में सर्वप्रथम सोनू वडेरा ने गुरूवर तो ज्ञान के सागर है, इनसे ही जन्नत है गितीका के माध्यम से कार्यक्रम का आगाज हुआ। सुश्रावक डॉ. रणजीतमल जैन ने ने कहा कि माताजी म.सा. रतनमाला श्रीजी ने संसार की असारता को समझकर आप स्वंय और अपने पुत्र व पुत्री के साथ उनपच्चास वर्ष पूर्व पालीतणा में संयम अंगीकार किया था, जिसका आज हम पच्चासवां दीक्षा दिवस के रूप में मना रहे है। इसी कड़ी में ज्ञान वाटिका नाहटा की गली के बच्चों द्वारा आई है शुभ घड़िया बहार बनके, गुरूभक्त रमेश मालू कानासर ने गुरूदेव के जीवन का वर्णन करते हुए कहा कि गच्छाधिपति ने 12 वर्ष की अल्प आयु में दीक्षा ली और 49 वर्ष के संयमजीवन में लगभग 225 अंजनशलाका प्रतिष्ठा व 175 के करीब दीक्षाएं भी करवाई गई। जिसमें कुशल वाटिका जैसे कई प्रकल्प खडे़ किए जो आज पुरे विश्व में प्रख्यात है। इसके अलावा आचार्य श्री ने उज्जैन में अवन्ति पार्श्वनाथ मन्दिर, जहाज मन्दिर माण्डवला एवं केशरियाजी में गज मन्दिर, रामदेवरा जैन मन्दिर, कन्याकुमारी जैन मन्दिर जैसे कई प्रसिद्व मन्दिरों का निर्माण गुरूदेव की प्रेरणा से हुआ। 

इसके साथ गुरूदेव की प्रेरणा से केयुप द्वारा कुशल वाटिका में चौबीस साधार्मिक बन्धुओं के लिए फलैट व मोक्ष धाम के पास केयुप भवन की योजना चल रही है जो कि साधार्मिक बन्धुओं के रोजगार प्रदान करवायेगी। शिल्पा श्रीश्रीमाल, मेवाराम मालू मालाणी आदि वक्ताओं द्वारा गुरूदेव के संयम जीवन पर प्रकाश डाला गया। साध्वी अमितगुणा श्रीजी ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरूदेव श्री के गुणों का वर्णन शब्दों से नही कर सकते और गुरूदेव सरलता के धनी है। साध्वी नितिप्रज्ञा श्रीजी ने कहा कि मेरा संयम जीवन की प्रेरणा बहन म.सा. डॉ विधुतप्रभा श्रीजी की है और इनका बड़ा उपकार है मेरे पर जो आज में इस महावीर के शासन में साध्वी के रूप में इस पाट पर हुं। साध्वी श्रेयनंदिता श्रीजी ने कहा कि गुरूदेव श्री वर्तमान के वर्धमान है, गुरू अंधकार से प्रकाश की और असभ्य से सभ्य की और ले जाते है वो सभी गुण गुरूदेव श्री के अन्दर है।

 प्रवचन के दौरान केयुप, केएमपी, ज्ञान वाटिका के बच्चों के साथ गुरुभक्तों द्वारा सामूहिक सामायिक का कार्यक्रम व दोपहर में कुशल विचक्षण जैन धार्मिक पाठशाला के बच्चों के द्वारा सामुहिक सामायिक व गुरूदेव के जीवन पर प्रश्नोतरी का कार्यक्रम  आयोजित किया गया और अनिता बोथरा के नेतृत्व में नाहटों की गली की ज्ञान वाटिका के बच्चों द्वारा शान्ति स्नात्र पूजा का आयोजन किया गया।

कुशल वाटिका में विराजित माताजी म.सा. रतनमाला श्रीजी के दर्शन वन्दन कर दीक्षा दिवस की शुभकामना प्रेषित कर उत्तम स्वास्थय की कामना की। इस कार्यक्रम के दौरान केयुप व केएमपी द्वारा आचार्य श्री व बहन म.सा. के दीक्षा दिवस के उपलक्ष में शुभकामनाएं प्रेषित कर उनके दिर्घायु होने की मंगल कामना की गई। कार्यक्रम का संचालन  केएमपी की कोषाध्यक्षा सोनू वडेरा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में केयुप, केएमपी, केबीपी, ज्ञान वाटिका के बच्चों सहित जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। केयुप व केएमपी द्वारा दीक्षा दिवस के उपालक्ष में संघ प्रभावना की गई।

कुशल वाटिका में सीमा सुरक्षा बल द्वारा शपथ ग्रहणए पौधा रोपण व योगा कार्यक्रम आयोजित हुआ आचार्य भगवन्त श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. व माताजी म.सा. रतनमाला श्रीजी कुशल वाटिका प्रेरिका बहन म.सा. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. के 50वें दीक्षा वर्ष प्रवेश पर सोमवार को कुशल वाटिका प्रांगण में योगा व पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कुशल वाटिका ट्रस्ट के उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी ने बताया कि आचार्य श्री कुशल वाटिका प्रांगण में 50वें गुरूदेव, माताजी म.सा. व बहन म.सा. के 50वें दीक्षा प्रवेश वर्ष के उपलक्ष में साध्वी नमनरुचि श्रीजी मण्साण् पावन सानिध्य में कुशल वाटिका ट्रस्ट मण्डल, सीमा सुरक्षा बल, लॉयन्स क्लब मालाणी कुशल वाटिका में प्रातः 06 बजे मुनिसुव्रत स्वामी भगवान के दर्शन, सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा समाजसेवा की शपथ का कार्यक्रम, सैकडों जवानों ने अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में योगा किया गया व 50 पौधे लगाकर पौधा रोपण के बाद गुरूभगवन्तों का मांगलिक प्रवचन का कार्यक्रम आयोजित हुआ।

 साध्वी नमनरुचि श्रीजी म.सा. ने कहा कि सन्त ओर सिपाही में कोई अंतर नही है ,सन्त समाज की सुरक्षा करते है ,और सिपाही सीमा की सुरक्षा करते है, लक्ष्य दोनों का एक है ,सन्त आत्मा का कल्याण करते है ,और सिपाही देश की रक्षा कर हम सभी का कल्याण करते है, और देश के सच्चे मूल्य लेकर देश की रक्षा करते है, देश के जवान ,पूरा जीवन देश हित मे न्यौछावर करते है, देश के जवान शिखर के पायदान पर अपने पाव रखे ऐसी मंगल कामना। आयोजित किये वो स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएगे।