आसमां से जमीं पर उतरा हूँ ।
सर्वशक्तिसम्पन्न आपका लाल ,
नैतिक गुणों का माणिक खरा हूँ ।
अद्भुत नजारा अपने गाँव को ,
विकल होकर दिखाने आया हूँ ।
हवाई जहाज का सफर तय कर,
साईकिल पर चढ़ने आया हूँ ।
मैं निपुण अनुभवी दक्ष राजनेता ,
अभागो को जगाने आया हूँ ।
पिछली फतेह की बेईमानी ,
अनगिनत संग अपने लाया हूँ ।
✍️ज्योति नव्या श्री
रामगढ़ , झारखंड