बच्चे के कपड़ों का रखें ध्यान
जब भी आप बच्चे को अपने साथ बाहर लेकर जा रही हैं तो उसके कपड़ों का खास ध्यान रखें। आप बच्चे को कॉटन के कपड़े ही पहनाएं। इन कपड़ों में बच्चा आरामदायक महसूस करेगा। बच्चे की स्किन पर भी रैशेज नहीं होंगे। कॉटन के कपड़े बच्चों को एक तरह की ठंडक का एहसास करवाते हैं। आप बच्चे को सिर को हमेशा सूती को कपड़े से ढक कर ही बाहर लेकर जाएं ताकि सीधी धूप उन पर न पड़ सके।
बच्चे को रैशेज से बचाएं
छोटे बच्चों की त्वचा बहुत ही कोमल होती है। उनकी त्वचा पर बहुत ही जल्दी रैशेज होने लगते हैं। आप बच्चे को हमेशा सूती के नैपी पहनाकर ही बाहर लेकर जाएं। बच्चे की नैपी का भी खास ध्यान रखें। नैपी हमेशा सूखी और साफ ही इस्तेमाल करें। बच्चे के जांघों और पेट पर रैशेज की समस्या ज्यादा होती है। रैशेज होने पर बच्चे को क्रीम जरुर लगाएं। गर्मी में पसीने के कारण भी बच्चे को रैशेज हो सकते हैं।
बच्चे को घमौरियों से बचाएं
गर्मी के मौसम में सैंथेटिक के कपड़े भी बच्चे के शरीर पर घमौरियों जैसी समस्या खड़ी कर सकती हैं। आप बच्चे को हमेशा कॉटन के कपड़े ही पहनाएं। यदि बच्चे के शरीर पर घमौरियां हो जाती हैं तो आप बेबी पाउडर या फिर कोई घमौरियों का पाउडर उसके शरीर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दौरान आप बच्चे के शरीर की बिल्कुल भी मालिश न करें। जितना हो सके आप बच्चे के शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें।
बच्चे को धूप में न ले जाने का प्रयास करें
यदि आपका बच्चा बहुत ही छोटा है तो उसे बाहर कड़कती धूप में न लेकर जाएं। गर्मी की इस कड़कती धूप में आप बच्चे को अंदर ही रखें। बच्चे की त्वचा में बहुत ही कम मात्रा में मेलानिन पाया जाता है जिसके कारण सूर्य की तेज किरणें उनकी बाल, आंख और त्वचा के लिए नुकसान दायक हो सकती है। इसलिए आप उसे कड़कती धूप में लेकर जाने से परहेज करें।
बच्चे को पिलाएं ज्यादा से ज्यादा पानी
यदि आपकी इमरजेंसी में बच्चे को बाहर लेकर जाना पड़ रहा है तो आप उसे ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करवाएं। बच्चे के शरीर को हाईड्रेट रखने का प्रयास करें। सूर्य की सीधे किरणें बच्चे के शरीर में से पानी को खींच लेती हैं और उसे डिहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। यदि बच्चा छोटा है तो उसे समय-समय पर दूध पिलाते रहें ताकि उसके शरीर को पोषण मिलता रहे और बॉडी हाइड्रेट रहे।