लुम्बिनी का राजकुमार

लुम्बिनी का राजकुंवर महात्मा बुद्ध,

बुद्ध पूर्णिमा को जन्मे वो प्रबुध्द।

छोड़ दिया महलों का मायाजाल,

दया धर्म की मूरत वो अद्भुत।


अहिंसा के पुजारी बने शांतिदूत,

देश विदेश बोधिसत्व किया मजबूत।

बोधगया में पीपल तले हुआ ज्ञानबोध,

चिर आलौकिक,ज्ञानी वो अग्रदूत।


उनकी शिक्षा के चार मूल सिद्धान्त हैं,

संसार दुखों का घर है कारण वासनायें हैं।

अष्टमार्ग के सूत्र हैं उनके, शुद्ध ज्ञान,

शुद्ध संकल्प, शुद्ध वार्तालाप,शुद्ध कर्म,

शुद्ध आचरण, शुद्ध प्रयत्‍‌न,शुद्ध समृति, शुद्ध समाधि,

जिसने भी आत्मसात किया इसे शांति उसने पा ली।


                  रीमा सिन्हा (लखनऊ)