प्रोफेसर द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर पर बयान देने के बाद उनके खिलाफ एबीवीपी ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। बाद में रविकांत पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी। मंगलवार को इन छात्र संगठनों की अगुवाई में एलयू के गेट नंबर 2 के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोपहर करीब 12 बजे एनएसयूआइ के विशाल सिंह, अईसा के निखिल सहित छात्र संगठनों के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के गेट नंबर 1 पर धरने के लिए पहुंचे। इस बीच यहां छुट्टी होने की वजह से विश्वविद्यालय का गेट बंद था। साथ ही विरोध की सूचना पर पुलिस बल भी मौजूद रहा।
उसके बाद छात्र संगठन गेट नंबर 2 पर पहुंच कर बाहर धरने पर बैठ गए। अईसा के राम स्वरुप ने कहां कि लखनऊ विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन एक सजग प्रोफेसर के साथ ही एक मुखर सामाजिक चिंतक व विचारक है। विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर एबीवीपी ने उनका विरोध कर अपशब्द कहे। यह बर्दाश्त नही किया जाएगा।
प्रोफेसर द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की इसीलिए पुलिस की कार्य शैली भी सवालों के घेरे में है। दरअसल हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.रविकांत चंदन ने एक चौनल पर लेखक पट्टाभि सीता रमैया की लिखित किताब का हवाला देकर 10 मई को काशी विश्वनाथ मंदिर पर बयान दिया था। तभी से उनका विरोध चल रहा है। इस बीच विपक्षी दलों समेत कुछ संगठन उनके पक्ष में भी उतर आएं। लूआक्टा ने भी अपनी आवाज प्रोफेसर के पक्ष में बुलंद की है।