सर्वप्रथम आज प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत उप जिलाधिकारी सदर श्री हेमन्त कुमार ने तहसील में संचालित की जा रही योजनाएं जैसे आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, ऑनलाइन खतौनी प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी । यह भी बताया कि बाढ़, आग, चक्रवात, आधी तुफान, नाव दुर्घटना, सीवर गैस रिसाव, भूकम्प, सुनामी, लू प्रकोप, वन्य जीव आक्रमण जो दैवी आपदा के अन्तर्गत आच्छादित होती है, से मृत्यु की दशा में मिलने वाली धनराशि तथा साप काटने से होने वाली मृत्यु के पश्चात् दिये जाने वाले अनुदान के सम्बंध में बताया गया। कोरोना, बाढ़, सुखा, खेत की फसल नष्ट होने पर मिलने वाली अनुदान के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी।
पक्का मकान,कच्चा मकान,झोपड़ी के नष्ट होने पर अनुदान दिये जाने के सम्बंध में बताया गया। मुख्य मंत्री किसान दुर्घटना बीमा योजना के सम्बंध में बताया गया कि यदि किसी व्यक्ति की दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो उसे 5 लाख रु0 देने का प्राविधान है। उत्तराधिकार का प्रमाण पत्र, मनरेगा, जाबकार्ड, तालाब के सुन्दरीकरण, मृदा सर्वेक्षण, मेड़बन्दी,अनु0जाति/जन जाति के आजीविका के बारे में जानकारी प्रदान की गयी।
तहसीलदार सदर श्री संजीव यादव द्वारा भूमि विवाद के सम्बंध में बताया गया । उन्होंने राजस्व संहिता अधिनियम की धारा 2006 के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। यह भी बताया गया कि उक्त आदेश उपजिलाधिकारी के न्यायालय से निर्गत होता है। साथ ही साथ वरासत/वसीयत के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। यह भी बताया गया कि यदि किसी के पिता की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में अविवाहित पुत्री,पुत्र तथा उसकी माता का हक होता है।
मृत्यु प्रमाण पत्र तथा वसीयत कैसे लिखा जाता है, के बारे में बताया गया। गांव में खाली आबादी, बंजर भूमि का आवंटन कैसे किया जाता है, के बारे में बताया गया। कृषक दुर्घटना सामान्य योजना, दुर्घटना में मृत्यु की दशा में मिलने वाला अनुदान के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। तहसील समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस कब कब लगता है, यहॉ पर कौन कौन अधिकारी रहते है, के बारे में बताया गया। संक्रमणीय एवं असंक्रमणीय भूमिधर तथा मत्स्य पालन तालाब के नीलामी के बारे में भी जानकारी प्रदान की गयी।
जिला समाज कल्याण अधिकारी श्री अनुज कुमार ने वृद्धावस्था पेंशन, सामूहिक विवाह योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, विधवा पेंशन योजना, शादी अनुदान, के बारे में बताया गया तथा शासन द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना जैसे-आई0ए0एस0,पी0सी0एस0,आई0ई0एस0 की कोचिंग के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के संचालन हेतु डी0सी0एस0के0 पी0जी0 कालेज का चयन किया गया है।
ट्रांसजेंडरों को कैसे लाभान्वित किया जा जाएगा, के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। वृद्धावस्था पेंशन तथा जिन वृद्धजनों का कोई सहारा नहीं है, को शासन द्वारा चलाई जा रही वृद्धाश्रम के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। ट्राइसाइकिल,आश्रम पद्धति विद्यालय, एस0सी0एस0टी0 एक्ट 1989 के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। स्थाई लोक अदालत के सदस्य श्री अभिषेक कुमार गौरव ने स्थाई लोक अदालत एवं लोक अदालत में अन्तर के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी तथा स्थाई लोक अदालत में किस किस प्रकार के मुकदमे और कैसे दाखिल होते है तथा उसके निस्तारण की क्या प्रक्रिया है, के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
अन्त में पराविधिक स्वयं सेवकों के 04 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मा0 जनपद न्यायाधीश श्री रामेश्वर महोदय द्वारा पराविधिक स्वयं सेवकों को निर्देश दिया गया कि आप लोगों को विधिक जानकारी न्यायिक अधिकारीगण/प्रशासनिक अधिकारीगण द्वारा प्रशिक्षण में दिया गया है, उसी के अनुसार दलित,बंचित,पिछड़े वर्गो तथा आम जन को बतायें तथा योजनाओं का लाभ उन्हें कैसे मिलेगा, के सम्बंध में प्रचार प्रसार करें तथा आम जन को जागरुक करते हुए अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करें। ताकि आम जन को विधिक जानकारी के साथ अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।
यदि कही कोई दिक्कत हो तो विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव से सम्पर्क कर उनका निवारण कर लें ताकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय का मकसद पूरा हो सके। अन्त में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव द्वारा माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय को आश्वासन दिया गया कि मऊ जनपद के पराविधिक स्वयं सेवक द्वारा इस कार्य में लिए जा रहे रुचि को देखते हुए यह जनपद अन्य जनपदों की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन करेंगा।