राजस्थान: गोसेवा आयोग अध्यक्ष के गृह जिले में सैकड़ों गोवंश की अकाल मौत

बाड़मेर : राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले में अकाल के दौरान भूख और प्यास के चलते गोवंश की मौत के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन ताजा मामला सरकारी लापरवाही का है। जिसकी वजह से सैकड़ों की तादाद में गोवंश की मौत का मामला सामने आया है। ताज्जुब की बात यह है कि गोवंश की मौत राजस्थान गो सेवा आयोग के अध्यक्ष के गृहजिले में हो रही है, बावजूद इसके पूरा तंत्र तमाशबीन होकर बैठा है। 

लगातार हो रही गोवंश की मौत के बाद स्थानीय लोगों के विरोध और प्रर्दशन के बीच प्रशासन ने टीमें भेजकर स्थिति का जायजा लिया। जहां करीब 150 से अधिक गौवंश की मौत की जानकारी सामने आयी। इतना ही नहीं सरकारी रिपोर्ट में माना है कि रोजाना तीन से चार गायों की मौत हो रही है। मामला बाड़मेर जिले के बालोतरा नगर परिषद द्वारा संचालित नंदी गौशाला का है।

जानकारी के मुताबिक, बालोतरा के जैरेला गांव में बालोतरा नगर परिषद द्वारा कांजी हाउस का संचालन किया जा रहा है। इस गोशाला का गुरुवार को संयुक्त निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सामने आया कि गौशाला में अब तक करीब 150 गोवंश की अकाल मौत हो चुकी है और हरदिन तीन से चार गोवंश की मौत हो रही है। सामने आया है कि आवारा पशुओं के लिए बनी इस गोशाला में खाने-पीने की कमी और दूषित खाने की समस्या के कारण गोवंश की मौत हुई है। 

मामले को लेकर उप तहसीलदार बालोतरा, नगर परिषद अधिकारियों, राजस्थान गो सेवा समिति बालोतरा, रामसीन जेरेला बालोतरा के सरपंच सहित कई ग्रामीणों द्वारा गोशाला का संयुक्त निरीक्षण किया गया एवं संयुक्त जांच रिपोर्ट बनाई गई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि गोशाला परिसर के भीतर करीब 20-25 गोवंश के शव एवं गोशाला परिसर के बाहरी क्षेत्र में करीब 100-125 गोवंश के शव पड़े हैं। साथ ही वर्तमान हालातों के कारण प्रतिदिन तीन से चार गोवंश का मरने की बात भी सामने आई। मामले की गंभीरता को देखते हुए निरीक्षण दल द्वारा मृत पशुओं का पोस्टमॉर्टम कर शवों को उचित तरीके से निस्तारण करने हेतु मांग की गई। साथ ही गोशाला में व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर आवारा गोधन को बचाने की मांग भी सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में की गई है।

जांच रिर्पोट में सामने आया है कि गोवंश की मौत का कारण धूल भरा चारा और प्रदूषित पानी है। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि बालोतरा शहर के जेरला रोड स्थित नगर परिषद द्वारा संचालित कांजी हाउस में आवारा पशुओं की गोशाला में वर्तमान में करीब 250 से अधिक गोवंश हैं, लेकिन उन्हें देने के लिए पर्याप्त चारा नहीं है। जो चारा दिया जा रहा हैं वह धूल युक्त हैं। वहीं पानी भी गंदा और दूषित मिल रहा है। इसके अलावा इतनी बड़ी गोशाला में मात्र एक व्यक्ति ही देखरेख के लिए रखा गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में छाया की पूर्ण व्यवस्था नहीं होने, पशुओं की स्वास्थ्य जांच नहीं होने का भी उल्लेख किया गया।

संयुक्त जांच दल द्वारा गौशाला का निरीक्षण करने के बाद जिला प्रशासन व नगर परिषद पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने संभागीय आयुक्त को भेजे गए ज्ञापन में आरोप लगाए कि इस गंभीर मामले को लेकर स्थानीय जिला कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, नगर परिषद सभापति सहित अन्य अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने भी फोन तक नहीं उठाए। उन्होने गौवंश की मौत के मामले में नगर परिषद सभापति और आयुक्त पर गोवंश की हत्या का कसूरवार बताया और इन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

बाड़मेर जिले के बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन राजस्थान गोसेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। हाल ही में राजनीतिक नियुक्तियों के दौरान गहलोत सरकार ने जैन को राजस्थान गौसेवा आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया था। गौरतलब है कि पिछली वसुंधरा सरकार में बाड़मेर से ही स्वामी प्रतापपुरी राजस्थान गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष बनाए गए थे।