संहार

आज नीति जेल की सलाखों के पीछे बैठी थी ।अभी उम्र ही कितनी है केवल 19 साल  रविवार का दिन मिलाई का दिन होता था । 1 साल से सबके मिलने वाले आते थे पर उससे मिलने वाला कोई नहीं था । केवल जेल का स्टाफ ही उसका परिवार था । आज शायद जेल में कुछ कार्यक्रम था । जेलर साहब के साथ कुछ महिलाओं ने प्रवेश किया । एक महिला जिनका नाम सुगन्धा था  काफी देर से नीति को देख रही थी । कार्यक्रम संचालिका ने उनका परिचय कराया की आप समाज में एक सम्मानित  जगह रखती हैं। वह थी भी बहुत आकर्षित करने वाली । नीति सोच रही थी इनसे कैसे भी मेरी बात होजाये । 

       सुगन्धा मंच पर आई और सब महिलाऒ से परिचय पूछने लगी जैसे ही नीति से पूछा वह खड़ी होकर हाथ जोड़कर रोने लगी आप मेरी मां की तरह हो आज मै आपको सब कुछ बता दूंगी । नीति ने रोते हुये बताया वह बिहार के बहुत पिछड़े इलाके में अपने गरीब मांबाप के साथ रहती थी । मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से जीवन यापन हो रहा था । उसी गांव में कम्मो नाम की महिला रहती थी । उसका शहर में बहुत आना जाना था । वह कुछ लड़कियों की नौकरी शहर में लगवा चुकी थी । उसने नीति के मां बाप से बात करके उसे शहर ले आई । वहाँ किसी शख्स से बात करके उसके यहाँ उसका इन्तजाम कर दिया। दो दिन बाद ही उस ने उसके साथ बलात्कार किया वह रोई गिड़गिड़ाई पर वह नहीं पसीजा । 14 साल की बच्ची को उसने दो दिन तक रॊंदा तीसरे दिन वह दो आदमियों को बुला लाया । तीसरे दिन तीनो बिना परवाह के उसको रोंदा । वह दर्द से कराह रही थी । बाहर निकल कर देखा दोनो जा चुके थे ।बस एक शख्स नशे में सो रहा था । उसने सब्जी की टोकरी में एक चाकू देखा और बेसुध पड़े उस आदमी के अंग को ही काट दिया वह जोड़ से चीखा । पड़ोस वाले आगये वह चाकू लेकर खड़ी रही पुलिस आई उसे ले गयी । वह चुप होगयी आज तक किसी को नहीं बता पाई क्योंकि कोई नहीं सुनता 5  साल से वह घुट रही थी । सुगन्धा जी को देखकर वह बोली मैने क्या गलत किया आप बताओ । सुगन्धा जी ने उसे गले लगा लिया बोली नहीं बेटा तुम में सीधे देवी शक्ति आगयी , इन राक्षसों का संहार तो नारी शक्ति ही करेगी । मै तुम्हारे केस की पैरवी करूगी ।

सुगन्धा जी ने मंच से नीति की प्रशंसा की और कहा  मां दुर्गा ने भी आसुरों का संहार किया । नीति ने कोई अपराध नहीं किया ।

स्व रचित 

डॉ.मधु आंधीवाल

अलीगढ़

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