-पूर्व में भी मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी चर्चा और मुख्यमंत्री, राज्यपाल से भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए हुए थे सम्मानित
बांदा। पुरखों की विधि से समुदाय के आधार पर बगैर सरकार की सहायता के परंपरागत विधि खेत पर मेड और मेड पर पेड़ वर्षा जल संरक्षण विधि को स्तर पर पहचान बनानेवाले बांदा जनपद के जखनी गांव निवासी उमाशंकर पांडेय को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले नीति आयोग की भू जल संरक्षण समिति में प्रधानमंत्री नीति आयोग के जल एवं भूमि सलाहकार अविनाश कुमार ने उनके जल संरक्षण के प्रयासों संघर्ष को देखते हुए जल संरक्षण समिति ग्रुप में सदस्य नामित किया है।
जल क्रांति के अंतर्गत 1050 जल ग्राम चिन्हित कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मेड़बंदी के मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए पत्र लिखा है। मेरा मॉडल 470 ग्राम पंचायतों में तत्कालीन जिलाधिकारी ने लागू किया है। अब जिम्मेदारी बनती है सामाजिक कार्यकर्ताओं की व्यवस्था से जुड़े साथियों की कि वे जल संरक्षण की दिशा में क्या प्रयास करते हैं। वर्षा जल संरक्षण की दिशा में पौधाारोपण की दिशा में समुदाय के आधार पर भू जल संरक्षण का प्रयास जारी रहेगा। खेतों में मेड़बंदी से एक और जहां पानी रुकेगा वहीं पेड़ लगाने से वातावरण शुद्ध होगा अतिरिक्त आमदनी होगी। वह बातचीत के अंतिम दौर में यह कहकर अपनी वाणी को विश्राम देते हैं कि जल संरक्षण समय की आवश्यकता है और जल संरक्षण के लिए हर जन, हर घर को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अपने-अपने उत्तरदायित्व निभाना जरूरी है क्योंकि जल ही जीवन है।