सहारनपुर। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ आयोजनों की श्रंृखला के तहत आयोजित अखिल भारतीय लोरी व देशभक्ति गीतों की लेखन प्रतियोगिता पर निर्णय के लिए सहारनपुर के साहित्यकार व साहित्यिक पत्रिका ‘शीतलवाणी’ के सम्पादक डॉ.वीरेन्द्र आज़म को चार सदस्यीय जूरी में शामिल किया है। उनके अतिरिक्त जूरी में देश के प्रख्यात व्यंग्यकार सुभाष चंदर, इंदौर के प्रख्यात साहित्यकार राकेश शर्मा व राजस्थान के साहित्यकार माधव नागदा शामिल है।
संस्कृति मंत्रालय द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में लोरी व देशभक्ति गीतों की एक अखिल भारतीय प्रतियोगिता आयोजित की गयी है जिसमें प्रतियोगियों को स्वरचित लोरी या देश भक्ति गीत मंत्रालय को भेजने थे। मंत्रालय प्राप्त हुयी इन प्रविष्टियों को चार सदस्य जूरी को उपलब्ध कराकर उन पर ऑनलाइन मार्किंग करा रहा है। इन चार सदस्यों की जूरी में सहारनपुर के साहित्यकार डॉ.वीरेन्द्र आज़म को भी शामिल किया गया है। वीरेन्द्र आज़म, हाइकु, कविता, बाल कविता, समीक्षा, आलोचना, व्यंग्य, लघु कथा, तथा कहानी आदि हिन्दी साहित्य की अनेक विधाओं में लेखन कार्य कर रहे हैं। उनकी लघु कथाएं कर्नाटक के मेंगलुरु विश्वविद्यालय में बीसीए के पाठ्यक्रम में भी शामिल कर छात्रों को पढ़ाई जा रही हैं।
संस्कृति मंत्रालय में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’(एकेएएम) के सेक्शन ऑफिसर अशोकन डी ने मेल से भेजे गए पत्र से उन्हें यह जानकारी दी है। इससे पूर्व भी डॉ.वीरेन्द्र आज़म आकाशवाणी नजीबाबाद द्वारा हिन्दी में प्रस्तारित विभिन्न कार्यक्रमों के एंकरों की चयन समिति में रह चुके हैं और वर्ष 1981 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम हिदायतुल्ला व वर्ष 2006 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के हाथों साहित्य एवं पत्रकारिता के लिए पुरस्कृत और सम्मानित हो चुके है। इसके अलावा साहित्य के क्षेत्र में डॉ.वीरेन्द्र आज़म को मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा संचालित दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा 2017 में ‘सम्पादक सम्मान’, 2019 में ‘आलोचक के सी गुप्त स्मृति सम्मान’ तथा समन्वय का ‘सृजन सम्मान’ प्राप्त हो चुका है। साहित्यकार के नाते प्रदेश शासन से वह सहारनपुर के स्वच्छता एंबेसडर भी मनोनीत है।