दर्शाउँगा इस मोहब्बत को मैं

दर्शाउँगा इस मोहब्बत को मैं, ----------------।।

हर रूप में, हर रुह में,

हर दोस्त में, हर दुश्मन में,

हर खून में, हर दिल में,

हर धर्म में, हर फर्ज में,

हर देशभक्त में,देश के प्रति,

हर इंसान में,कर्म के प्रति,

दर्शाउँगा इस मोहब्बत को मैं,---------------------।।


हर सन्त में,नसीहत के रूप में,

हर इंसाफ में,हर ईश्वर में,

यतीम के प्रति, हर राजा में,

शासन के प्रति, हर प्रज्ञा में,

अपनी जमीं के प्रति, हर गरीब में,

अपनी रिज्क के प्रति,

हर वीर में, कुर्बानी के प्रति,

दर्शाउँगा इस मोहब्बत को मैं,-------------------------।।


बेटा या बेटी में, अपने जनक के प्रति,

उनकी इज्जत के प्रति इस मोहब्बत को,

एक माँ में , अपने बच्चों-पति के प्रति,

एक सास में , अपनी बहु के प्रति,

हर नारी में , अपने घर- शर्म के प्रति,

एक आशिक में, अपनी चाहत के प्रति,

चाहे यह एक तरफा हो या दोनों तरफ,

दर्शाउँगा इस मोहब्बत को मैं,---------------------------।।


साहित्यकार एवं शिक्षक-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)