जय जय हनुमान

जय जय हनुमान, जय जय हनुमान।

राम के सच्चे भक्त तुम, भक्तों की शान।।

जय जय हनुमान--------------------------।।


अंजन पुत्र तुम हो, आज्ञाकारी।

संकटमोचक तुम हो, ब्रह्मचारी।।

राम के हो लाड़ले तुम , बड़े बलवान।

जय जय हनुमान---------------------।।


संजीवनी बूटी लाकर, लक्ष्मण को बचाया।

सीता की रक्षा के लिए, लंका को जलाया।।

नहीं कोई दूजा तुमसा, देशभक्त इंसान।

जय जय हनुमान--------------------------।।


अधूरी है रामायण, तुम्हारे बिना।

जीवन अधूरा राम का, तुम्हारे बिना।।

राम और रामायण की है तुमसे पहचान।

जय जय हनुमान--------------------------।।


साहित्यकार एवं शिक्षक-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां (राजस्थान)