बिंदास बोल में घर वाली से पूछकर बताऊंगा,चाय एक संस्मरण,मैं पापा बन गया,समझौताएक्सप्रेस,मैंथी,यह तुमने क्या कर डाला,हरी बिंदी,अल्पसंख्यक दिव्यांग,मानव एकता,वस्त्र बोलते हैं,प्यार,स्पर्श की हसरत,घर आना,ठगी हुई औरत,खाली हाथ।
इसके अतिरिक्त बिंदास बोल में उन विषयों को भी उजागर करा गया है,जिन पर सामान्यतया लोग बात करने से परहेज करते हैं।उन्हीं में से अंतःवस्त्र बोलते हैं।कुछ कानूनी बातों के माध्यम से हिस्सेदारी बराबर तो जिम्मेदारी भी बराबर के साथ ही डॉक्टर की सलाह अचानक घटता हुआ वजन कारण और निदान।प्रतिभा से साक्षात्कार हुड़चुम्मा।कभी नर्म-नर्म कभी सख्त- सख्त में रबर बैंड सी मम्मी।
हां मैं बी वीथ बी हूं अर्थात् ब्रेन के साथ ब्यूटी हूं, विवाह एक यज्ञ,शराब सजा या मजा,मैं आजाद हूं और किन्नर दर्शन। जीवन के हर पहलू को अपने आप में समेटे पुस्तक बिंदास बोल पढ़ने योग्य होकर समय-समय पर प्रासंगिक है। यह पुस्तक पाठकों के लिये सभी प्लेटफॉर्म जिनमें मुख्य रूप से फ्लिपकार्ट,अमेजन एवं अमेजन किंडल पर भी उपलब्ध रहेगी।
बिंदास बोल पुस्तक के प्रकाशन में सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिये धन्यवाद एवं आभार के साथ ही एक लेखक होने के नाते मेरा विचार है कि लेखन एक अलग ही भिन्नता लिये हुए निराली कला है। यहां उंगली पकड़कर सिखाने जैसा कुछ नहीं होता है। यह एक सतत् प्रकिया है,जिसे लगातार जारी रखना होता है। और निश्चित तौर पर ऐसा बहुत कुछ होता है,जहां पर संवाद,मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन अत्यन्त आवश्यक हो जाता है।
लेखन एक स्वतंत्र कला है। फिर भी अक्सर छत्रछाया की आवश्यकता हर मनुष्य तथा प्रत्येक कला को होती है। हर लेखक का एक नजरिया,एक अंदाज तथा अपनी स्वयं की शैली होती है। इन सबके साथ में, मार्गदर्शन देने वाले तथा प्रोत्साहन देने वाले हमारे आदरणीय शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करना हमारी परंपरा तथा संस्कृति का एक हिस्सा रहा है।
उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए मैं प्रथम मां सरस्वती और कलम दवात के देवता भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज को प्रणाम करते हुए आप सभी महानुभावों का नतमस्तक हो आभार व्यक्त करती हूं।श्रीमान डॉ. विजय पंडित जी पर्यावरण शिक्षक,लेखक,कवि,पर्यावरणविद् : पूर्व विशेष अधिकारी वाईल्ड लाईफ क्राईम कंट्रोल ब्यूरो पर्यावरण व वन मंत्रालय,भारत सरकार,:मेरठ जिला संयोजक नमामी गंगे परियोजना जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार : संस्थापक ग्रीन केयर सोसायटी संस्थान, : क्रांतिधरा साहित्य अकादमी, भारत।
आयोजक: मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल,मेरठ इंडो नेपाल लिटरेचर फेस्टिवल,नेपाल निवासी: ग्रीन केयर सोसायटी हाऊस मेरठ,उत्तर प्रदेश,भारत। मेरे बड़े भ्राता तुल्य मेरे मार्गदर्शक श्री राघवेंद्र तेलंग 'राग '। मेरे गुरुदेव श्री हेमंत देवलेकर जी जिनके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन के कारण मेरी लेखन कला में निखार आया।
इस यात्रा के शुभचिंतक और सलाह देने वाले श्री कैलाश आदमी (श्रीवास्तव) प्रबंध संपादक निर्दलीय समूह, श्री अनील त्रिपाठी जी युग जागरण के समूह संपादक,श्री संजय त्रिपाठी जी जाने माने लेखक,श्री दीपक पगारे जी कला पत्रकार एवं साहित्यकार और इस पुस्तक के प्रकाशन में विषेश सहयोग करने वाले श्री हिंद पब्लिकेशन के श्री जतिन गेहलोत जी का मैं अपनी पुस्तक 'बिंदास बोल' के माध्यम से हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।
रमा निगम वरिष्ठ साहित्यकार
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