भाकपा ने की महापंडित राहुल सांक्रत्यायन को पद्मविभूषण दिये जाने की मांग

लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने महापंडित राहुल सांक्रत्यायन को पद्मविभूषण दिये जाने, आजमगढ़ के निजामाबाद में उनकी स्म्रतियों से जुड़े स्कूल को राहुल स्मारक बनाने तथा वहीं जन्मे कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की स्म्रतियों को सुरक्षित किये जाने के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा है। दोनों प्रमुख हस्तियों को ई- मेल द्वारा प्रेषित पत्र में भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि आजमगढ़ जनपद ने कई महान विभूतियों को जन्म दिया है। 

महापंडित राहुल सांक्रत्यायन उनमें से एक हैं। वे गत सदी के महान साहित्यकार, दार्शनिक, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, घुमक्कड़ और अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे। विस्म्रत बौध्द साहित्य को कठिन प्रयासों से तिब्बत से भारत लाकर उन्होने भारतीय संस्क्रति को भारी योगदान दिया। साहित्य, संस्क्रति, दर्शन और स्वतन्त्रता संग्राम में उनके महान योगदान को देखते हुये काशी पंडित सभा ने उन्हें महापंडित की उपाधि से विभूषित किया था।

 यह संयोग ही है कि उसी काशी (वाराणसी) से ही आज प्रधानमंत्री स्वयं सांसद हैं। राहुल जी के व्यक्तित्व और क्रतित्व पर जितना लिखा जाये कम है। अपने पत्र में डा॰ गिरीश ने कहा है कि राहुल जी का जन्म 9 अप्रैल 1893 को जनपद- आजमगढ़ के गांव- पंदहा में हुआ था। पास ही स्थिति निजामाबाद कस्बे के आवासीय जूनियर हाई स्कूल के वे छात्र रहे। इस विद्यालय से उनके जीवन की यादें जुड़ी हैं। 

क्षेत्रीय जनता, साहित्य और संस्क्रति प्रेमी तथा महापंडित राहुल सांक्रत्यायन के अनुयायी वर्षों से इस विद्यालय को राहुल स्मारक बनाने की मांग करते रहे हैं। उनके जन्मदिवस पर इस बार पुनः यह मांग उठी और जनता की आवाज को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थानीय इकाई ने ज्ञापन के रूप में तहसील प्रशासन के समक्ष उठाया। प्रशंसा की बात है कि स्थानीय मीडिया भी पूरी शक्ति से इस मुद्दे पर अपना योगदान दे रहा है। 

प्रधान मंत्री और मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भाकपा राज्य सचिव ने इस बात पर गहरा खेद जताया है कि जनता की उपर्युक्त आवाज और मांग का तिरस्कार करते हुये आजमगढ़ जिला प्रशासन ने संबंधित विद्यालय की ऐतिहासिक इमारत को अनुपयोगी घोषित कर उसकी नीलामी कर दी है। यह महापुरुषों और उनसे जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों का अपमान है। स्थानीय जनता में इस कदम से भारी आक्रोश है और वह ठगी महसूस कर रही है। डा॰ गिरीश ने कहा कि इसी कस्बे निजामाबाद में हिन्दी के प्रसिध्द कवि अयोध्या सिंह उयाध्याय ‘हरिऔध’ का भी जन्म हुआ था। लोग उनकी स्म्रतियों को भी सुरक्षित देखना चाहते हैं। 

अतएव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल क्षेत्रीय जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुये आपसे मांग करती है कि महापंडित राहुल सांक्रत्यायन की स्म्रतियों से जुड़े आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद कस्बे स्थिति विद्यालय की नीलामी को तत्काल रद्द किया जाये। इस विद्यालय को महापंडित राहुल सांक्रत्यायन स्मारक के रूप में संरक्षित कर विकसित किया जाये। 

महापंडित राहुल सांक्रत्यायन को भारत सरकार ‘पद्मविभूषण’ सम्मान से विभूषित करे। भाकपा मांग करती है कि निजामाबाद कस्बे में प्रसिध्द कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की स्म्रतियों को भी संरक्षित किया जाये। भाकपा राज्य काउंसिल ने विश्वास जताया है कि प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री शीघ्र से शीघ्र क्षेत्रीय जनता की भावनाओं से जुड़े उपर्युक्त आग्रहों को पूरा कर दोनों महापुरुषों को सम्मानित करेंगे।