ग्रामीण तो किसी तरह से जान बचाकर बंधो और सुरक्षित ठिकानों पर शरण ले लेते हैं लेकिन मवेशी और मकानों की भारी क्षति होती है। बाढ़ खंड विभाग इस आपदा पर भारी-भरकम रकम खर्च करता है, फिर भी स्थायी समाधान नहीं हो पाता है। यहां के तटबंध, स्पर, डेंपनर जर्जर हो चुके हैं। स्थायी समाधान के लिए बाढ़ खंड विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार ने शासन से प्रस्ताव स्वीकृत कराकर टेंडर भी करवा लिया है। इसी पखवारे से इन पर कार्य चालू हो जाएगा। विभाग के अनुसार हर्रैया तहसील में सरयू नदी के बाएं तट पर निर्मित विक्रमजोत-धुसवा तटबंध की सुरक्षा के लिए किमी 11.450, 11.910 पर क्षतिग्रस्त स्पर के पुनर्स्थापना पर करीब 7.19 करोड़, किमी 12.325, किमी 12.600, किमी 12.700 पर तीन डैंपनर का निर्माण 5.13 करोड़ से किया जाएगा।
इसके अलावा तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के बाएं तट पर निर्मित गौरा-सैफाबाद तटबंध की सुरक्षा के लिए 2 स्परों की पुनर्स्थापना, काशीपुर-दुबौलिया तटबंध के सुरक्षा के लिए दो डैंपनर की पुनर्स्थापना, चांदपुर-गौरा, गौरा-सैफाबाद तटबंध की सुरक्षा के लिए डैंपनर का निर्माण, लोलपुर-विक्रमजोत तटबंध पर दो स्परों का निर्माण, 3 डैंपनर, विक्रमजोत-धुसवा तटबंध, काशीपुर-दुबौलिया तटबंध, कटरिया-चांदपुर तटबंध चांदपुर-गौरा तटबंध, गौरा-सैफाबाद तटबंध, कलवारी-रामपुर तटबंध पर पुनर्स्थापना एवं ब्रिकसोलिंग का कार्य किया जाएगा।