जानें क्या बोले रोहित?
रोहित ने बुधवार को तीन नए नियमों पर अपना पक्ष रखा और इन्हें लीग के लिए अच्छा बताया। उन्होंने इस दौरान 'मांकडिंग' को लेकर बल्लेबाजों को सावाधान किया। रोहित ने कहा कि 'मांकडिंग' को अब मान्यता मिल गई है तो ऐसे में बल्लेबाजों को ध्यान रखना पड़ेगा। उन्हें देखना होगा कि क्रीज के बाहर कब निकलना या नहीं निकलना है। नियम आ गए हैं तो इसपर ध्यान देना होगा और उसी के हिसाब से खेलना होगा।
क्या है मांकडिंग?
मांकड़िंग नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े बल्लेबाज को आउट करने का एक तरीका है। इसे अब रन आउट की श्रेणी में माना जाएगा। अगर नॉन स्ट्राइक पर खड़ा कोई बल्लेबाज गेंद फेंके जाने से पहले क्रीज छोड़ देता है और उस दौरान गेंदबाज गिल्लियां बिखेर देता है तो उसे रन आउट माना जाएगा। पहले इस नियम को खेल भावना के विपरीत माना जाता था और अधिकतर गेंदबाज इस तरीके से किसी बल्लेबाज को आउट करने से बचते थे, लेकिन इस नियम को मान्यता मिलने से गेंदबाज इस तरीके से ज्यादा बल्लेबाजों को आउट करने की कोशिश करेंगे।
आईपीएल में अश्विन ने किया था मांकडिंग का इस्तेमाल
आईपीएल के 12वें सीजन में पंजाब और राजस्थान के मैच मे रविचंद्रन अश्विन ने जोस बटलर के खिलाफ पहली बार मांकडिंग का इस्तेमाल किया था। पंजाब के उस वक्त के कप्तान अश्विन ने तब राजस्थान के सलामी बल्लेबाज जोस बटलर को 13वें ओवर में अपनी गेंदबाजी पर रनआउट किया था. अश्विन ओवर की पांचवी गेंद डालने ही जा रहे थे तभी बटलर क्रीज छोड़कर थोड़ा आगे निकले गए, तभी अश्विन ने बड़े ही चतुराई से बटलर को रनआउट कर दिया। बटलर जिस समय आउट हुए, उस समय वह 43 गेंदों में 10 चौके और 2 छक्के की मदद से 69 रन बना चुके थे। हालांकि, इस रनआउट को लेकर अंपायर का निर्णय मांगा गया। मगर कुछ ही देर बाद तीसरे अंपायर ने बटलर को रन आउट दे दिया। इस तरह वे इंडियन टी-20 लीग के ऐसे पहले बल्लेबाज बन गए, जिन्हें इस तरीके से रन आउट किया गया है।
कैसे और कब शुरू हुआ ये तरीका
पूर्व भारतीय स्पिनर वीनू मांकड के नाम पर इस नियम की शुरूआत हुई। वीनू मांकड ने 1947 में इसी तरीके से आस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को आउट किया था। ये पूरी तरह से क्रिकेट के नियमों के अतंर्गत है लेकिन कुछ लोग इसे खेल भावना के खिलाफ मानते हैं।