शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक सुरेन्द्र कपिल, वीरेन्द्र ठाकुर व जयनाथ शर्मा आदि शहीदों का बलिदान आजादी के इतिहास में सर्वाेपरि: नगरायुक्त

-स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने किया शहीद दिवस का आयोजन

सहारनपुर। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन द्वारा आज यहां मानव मंदिर स्थित संगठन कार्यालय पर शहीद दिवस का आयोजन किया गया। शहीद भगतंिसंह, सुखदेव व राजगुरु सहित देशभर के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह आज से 90 बरस पहले भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक है। शहीद भगतंिसंह, सुखदेव व राजगुरु का बलिदान आजादी के इतिहास में सर्वाेपरि है। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद भगतंिसंह, सुखदेव व राजगुरु के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देने से हुई।

मुख्य अतिथि नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि शहीद भगतंिसंह, सुखदेव व राजगुरु का बलिदान आजादी के इतिहास में सर्वाेपरि है। उन्होंने देश की जनता को जगाने के लिए मौत को गले लगाया। वह असेम्बली में बम फेंककर भी वहीं खडे़ रहे, और गिरफ्तारी दी। शहीद भगतसिंह क्रांतिकारी ही नहीं एक चिंतक और समाज सुधारक भी थे। पूर्व विधायक वीरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि भगतसिंह आजादी के साथ साथ एक शोषणमुक्त समाज की स्थापना करना चाहते थे। लेकिन विडम्बना यह है कि देश और समाज आज एक अंधी सुरंग की ओर बढ़ रहा है,चंूकि राजनीतिक व सामाजिक सरोकारों से लोगों के निहित स्वार्थ जुड़ गए है।

साहित्यकार डॉ.वीरेन्द्र आज़म ने कहा कि भगतसिंह के आदर्श, सिद्धांत और मूल्य 90 बरस पहले भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने शोषणमुक्त और समरसतायुक्त समाज का सपना देखा था जिसकी आज भी आवश्यकता है। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के संरक्षक जयनाथ शर्मा ने शहीद भगतंिसंह, सुखदेव व राजगुरु के अलावा जिले के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का उल्लेख करते हुए फुलवारी आश्रम में शहीदों की स्मृति में एक शहीद कारीडोर और सभागार व संग्रहालय बनाने की मांग प्रशासन से की।

पूर्व विधायक सुरेंद्र कपिल ने कहा कि शहीद भगतसिंह के उस समय के वक्तव्यों और पत्रों का विश्लेषण किया जाना चाहिए। भगतसिंह का कहना था कि जब तक आजादी के लिए शहादत नहीं दी जायेगी तब तक आजादी मिलने वाली नहीं है। इसलिए उन्होंने जानबूझकर गिरफ्तारी दी। कपिल ने कहा कि शहीद भगतसिंह में आजादी और देश की एकता का जो जज़्बा था वह आज की पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। वरिष्ठ समाजसेवी महेन्द्र तनेजा ने कहा कि शहीदों की स्मृति में किये जाने वाले आयोजनों में युवा पीढ़ी को भी जोड़ा जाना चाहिए, ताकि अपनी ऐतिहासिक विरासत को वह संभाल कर रख सके।

संगठन के अध्यक्ष हरीश पंवार ने स्मार्ट सिटी के तहत महानगर में भव्य शहीद स्मारक बनाने की मांग करने के अलावा स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के लिए भी विभिन्न योजनाओं में आरक्षण की मांग की। इसके अलावा अर्जुनसिंह त्यागी व ओमप्रकाश ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के जोगेन्द्र सिंह, सूरज शुक्ला, रुस्तम चैधरी, विपुल गौर, वामन सैनी, शुभम, सचिन कुमार, श्रीमती सुनीता, वीरेन्द्र सिंह व कमर जहां आदि उत्तराधिकारी शामिल थे। संचालन संगठन अध्यक्ष हरीश पंवार ने किया।