सीचो ऐसे प्रेम से

कितनी मस्ती छाई है,

बहार लेके आयी है।

ली मन ने अंगड़ाई है,

देखो होली आयी है।

छोड़ ये गिले शिकवे,

हम सब भाई भाई है।

रंगो मे भीग भीग के,

सब बातें भुलाई है।

देखो होली आयी है,

देखो होली आयी है।

लाल गुलाबी,पीला नीला,

देखो कैसे रंगो की,

बौछार छाई है।

चहुं दिशा हुई सतरंगी,

मन मे धनक,

प्रेम गुनगुनाई है।

देखो होली आयी है,

देखो होली आयी है।

द्वेष बैर मिटा दो तुम,

मन का मैल हटा दो तुम।

सींचो ऐसे प्रेम से,

जिसमे अति गहराई है।

देखो होली आयी है,

देखो होली आयी है।

चारु मित्तल ,मथुरा-उ०प्र०