◆तिथि का ऐतिहासिक महत्व-
22 मार्च 2022, को 1902-प्रदेश का नाम नार्थ पेस्ट प्रॉबिन्सेज से यूनाइटेड प्रॉविन्सेज आफ आगरा एण्ड अवध किया गया था।
23 मार्च 2022 , को 1931-शहीदी दिवस स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायको भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव की शहादत का दिवस ।
◆प्रस्तावित कार्यक्रम व तिथियां -रंग दे बसन्ती (दो दिवसीय)23-22 मार्च,2022
◆तिथि का ऐतिहासिक महत्व-06 अगस्त, 1938
प्रदेश का पहचान चिन्ह (कोट आफ आम्र्स) का अनुमोदन इसी तिथि को किया गया था जो कि प्रदेश की गौरवशाली इतिहास और परम्पराओं का द्योतक है ।
08 अगस्त,1942 भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रस्ताव पारित। 09 अगस्त, 1925 काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस
◆प्रस्तावित कार्यक्रम व तिथियां
क्रान्ति पर्व (चार दिवसीय) 6, 7,8 एवं 9 अगस्त 2022
◆तिथि का ऐतिहासिक महत्व-
24 जनवरी,1950- प्रदेश का नाम 24 जनवरी, 1950 को यूनाइटेड प्रॉबिन्सेज से बदलकर उत्तर प्रदेश रखा गया था। 25 जनवरी- राष्ट्रीय मतदाता दिवस / राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 26 जनवरी- गणतंत्र दिवस
◆प्रस्तावित कार्यक्रम व तिथियां-उत्तर प्रदेश दिवस (तीन दिवसीय)
24,25 एवं 26 जनवरी,2023
उक्त सम्बंध में दिनांक 22 व 23 मार्च, 2022 को आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत जनपद स्तरीय आयोजन समिति के माध्यम से प्रत्येक जनपद में गरिमामय आयोजन कराया जाना है । उक्त आयोजन में विभिन्न विभागों के सहयोग से निम्नवत् कार्यक्रमों / गतिविधियों को आयोजन में सम्मिलित किया जावे।
◆शहीदों पर आधारित चित्र / अभिलेख प्रदर्शनी।
◆शहीद स्थलों पर दीपांजलि ।
◆पुलिस बैण्ड का वादन ।
◆विद्यालयों में शहीदों की गाथा पर कहानी वाचन,निबन्ध लेखन,क्विज प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन ।
◆कला महाविद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता ।
◆भूले - बिसरे शहीदों पर कहानी लेखन ।
◆राष्ट्रभक्ति पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी एवं विकय ।
◆ एन0सी0सी, एन०एस०एस० स्काउट गाइड, नेहरू युवा केन्द्र के सहयोग से तिरंगा रैली, राष्ट्रभक्तिपूर्ण कार्यक्रमों आदि का आयोजन ।
◆आजादी की थीम पर आधारित फ़िल्मों का प्रदर्शन ।
◆ नाट्योत्सव / रंगोत्सव आजादी पर आधारित नाट्य मंचन। ◆आजादी के तरानों / गीतों पर आधारित लोक गायन- विरहा , रागिनी आदि ।
◆आजादी के नायकों की वेशभूषा में विद्यार्थियों की प्रतियागिता ।
◆आजादी की थीम पर आधारित रंगोली प्रतियोगिता ।
◆ जनपद के गुमनाम शहीदों, शहीद स्थलों, घटनाओं तथा स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ी अन्य ऐसी कहानिया जो कि इतिहास के पन्नों में किसी कारणवश दर्ज नहीं हो पायी थीं, की पुस्तकों का लेखन कराते हुए विमोचन भी कराया जाना है।
अतएव उपरोक्त आयोजन जनसहभागिता के साथ भव्य एवं गरिमापूर्ण ढंग से आयोजित कराने का कष्ट करें।