बढ़ाने इश्क की खुमारी क्यों फरवरी आता है।
अजब प्यार है, जो सात जन्म निभाने का वादा होता है, वो 7 दिनों में ही निपटाया जाता है।
पहले दिन देकर फूल गुलाब का करके इज़हार प्यार का, अपने ही प्रेमी को फूल बनाया जाता है।
फिर दूसरे दिन करके प्रपोज़ अपने जीवन साथी को, पुरानी यादों को दोहराया जाता है।
तीसरे दिन मीठी-मीठी चाकलेट खिला कर मुंह मीठा सबका कराया जाता है।
दोस्त, प्रेमी-प्रेमिका, रिश्ते-नाते सब में ही चाकलेट बंटवाया जाता है।
चौथे दिन का हाल क्या बताएं, देकर के टेडी- टायज़ साथी या प्रेमी-प्रेमिका को बचपन के दिन दोहराए जाते हैं।
अगले दिन कोई करके वादा निभाने का उसे बीड़ा उठाया जाता है।
छटे दिन लगा कर के गले गिले-शिकवे दूर करते हैं, फिर अगले दिन लेकर चुम्बन प्यार अपना दर्शाया जाता हैं।
फिर जाकर 14 फरवरी को प्यार की मंज़िल पा जाते हैं।
उसके बाद यारों उतर कर आसमां से फिर सब ज़मीं पर आ जाते हैं।
बस इस तरह एक सप्ताह प्यार का खुमार दिखाते हैं, आजकल के नौजवान देखो प्यार का भी सप्ताह मनाया जाता हैं।
वाह री पश्चिमी सभ्यता अच्छा-खासा हिन्दुस्तानी भी कैसे फिरंगी बन जाता हैं, देखो कैसे ये प्रेम सप्ताह मनाया जाता हैं।
प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)