रिपोर्ट में कहा गया, ''ऐसा कोई संकेत नहीं है कि तालिबान देश में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठा रहा है। इसके उलट, सदस्य देश इस बात से चिंतित हैं कि हाल के इतिहास में आतंकवादी कहीं अधिक आजादी का आनंद ले रहे हैं।'' साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान जाने वाले विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की संख्या कम है। इसमें कहा गया कि अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट का नेतृत्व अब भी सनाउल्ला गफ्फारी के पास है जो अफगान नागरिक है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएस और अल कायदा प्रतिबंध समिति ने गफ्फारी को पिछले साल दिसंबर में आतंकवादियों की सूची में डाला था।
अमेरिका ने सोमवार को गफारी और पिछले साल काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए हमले में शामिल लोगों के बारे में सूचना देने वालों को एक करोड़ डॉलर का इनाम देने की घोषणा की। इस हमले में कम से कम 185 लोगों की मौत हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआईएस- खुरासान अफगानिस्तान में अस्थिरता का लाभ ले रहा है और ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी सहित अन्य विदेशी आतंकवादी समूहों से लड़ाकों की भर्ती कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सदस्य राष्ट्रों का आकलन है कि आईएसआईएस- खुरासान के लड़ाकों की संख्या 2200 से बढ़कर 4000 के करीब पहुंच रही है।यह वृद्धि तालिबान द्वारा कई लोगों को कारागारों से रिहा करने के बाद बढ़ी है। एक सदस्य का आकलन है कि आतंकी समूह के आधे सदस्य विदेशी आतंकवादी हैं। रिपोर्ट में कहा, गया, ''दाएश पूर्वी अफगानिस्तान के सीमित इलाके को नियंत्रित करता है लेकिन वह चर्चित और जटिल हमले करने में सक्षम है जैसा उसने 27 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर किया था। खासतौर पर तालिबान के सदस्यों और अल्पसंख्यक शिया समुदाय पर।'' रिपोर्ट में कहा गया कि इंडोनिशिया और फिलीपीन ने आतंकवादी रोधी कदम में उल्लेखनीय प्रगति की है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि कट्टरपंथियों के प्रभाव में आकर व्यक्तिगत आधार पर हमले का खतरा चिंता का विषय बना हुआ है।