उन्होने कहा, 'ईस्ट सेंट्रल रेलवे में 170 गेजटेड और 15268 नॉन गेजटेड पद रिक्त हैं। ईस्टर्न रेलवे में 195 गेजटेड और 28204 नॉन गेजटेड वैकेंसी खाली पड़ी है।' उन्होंने कहा कि मेट्रो रेलवे में 22 गेजटेड और 856 नॉन गेजटेड पद रिक्त हैं।
रिक्त पदों का शेष विवरण
नॉर्थ सेंट्रल रेलवे - 141 गेजटेड, 19366 नॉन गेजटेड
नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे - 62 गेजटेड, 14231 नॉन गेजटेड
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे - 112 गेजटेड, 15677 नॉन गेजटेड
नॉर्दर्न रेलवे - 115 गेजटेड, 37436 नॉन गेजटेड
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे - 100 गेजटेड, 15049 नॉन गेजटेड
साउथ सेंट्रल रेलवे - 43 गेजटेड, 16741 नॉन गेजटेड
साउथ ईस्ट सेंट्रेल रेलवे - 88 गेजटेड, 9422 नॉन गेजटेड
साउथ ईस्टर्न रेलवे - 137 गेजटेड, 16847 नॉन गेजटेड
साउदर्न रेलवे - 161 गेजटेड, 19500 नॉन गेजटेड
साउथ वेस्टर्न रेलवे - 65 गेजटेड, 6525 नॉन गेजटेड
वेस्ट सेंट्रल रेलवे - 59 गेजटेड, 11073 नॉन गेजटेड
वेस्टर्न रेलवे - 172 गेजटेड, 26227 नॉन गेजटेड
रेल मंत्री ने कहा कि अन्य यूनिटों में 507 गेजटेड और 12760 नॉन गेजटेड पद रिक्त हैं। उन्होंने राज्यसभा को बताया कि रिक्तियों का होना और भरना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और इसे रेलवे द्वारा परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार भर्ती एजेंसियों को मां गपत्र देकर भरा जाता है। प्रक्रिया के दौरान रिक्तियां पैदा हो सकती हैं। इन्हें बाद में भरा जाता है।
विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए कोविड प्रतिबंधों और लॉकडाउन के कारण परीक्षा की प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि देश में कोविड की पहली लहर के समाप्त होने के बाद चीजें सामान्य होने पर आरआरबी ने 15 दिसंबर 2020 से चरणों में अधिसूचित रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) द्वारा 1,89,790 लोगों को नियुक्ति दी गई है।