स्कूल में आने पर विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों का अनुमति पत्र भी लाना होगा। इस संबंध में स्कूलों की ओर से अभिभावकों को अनुमति पत्र भेज दिया गया था, जिस पर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अपनी सहमति देनी है। बिना अनुमति पत्र के स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
स्कूल खोलने के लिए प्रशासन की ओर से शनिवार तक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। स्कूलों में हाईब्रिड यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में पढ़ाई जारी रहेगी। मयूर विहार फेज-3 स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. सतवीर शर्मा ने बताया कि स्कूल को सैनिटाइज कर दिया गया है।
जरूरी दिशा-निर्देशों से संबंधित नोटिस स्कूल के मुख्य द्वार, कॉरिडोर व वॉश रूम के बाहर चस्पा हैं। स्कूल ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी स्टाफ का टीकाकरण हो गया हो। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल में आइसोलेशन के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था की गई है। इसमें नर्सिंग स्टाफ, ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की गई है।
राजधानी में दिल्ली सरकार के कॉलेजों के खुलने के क्रम में सोमवार को गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) भी खुल गया। इस संबंध में आईपीयू ने अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि, आईपीयू से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों में अलग-अलग दिन विद्यार्थियों को बुलाने की सूचना है। आईपीयू के कुछ तकनीकी कॉलेजों में नौ फरवरी से छात्रों को कॉलेज पहुंचने के लिए कहा गया है। मुख्य कैंपस को आज छात्रों के लिए खोल दिया गया।
मनीष सिसोदिया ने कहा, ''नौवीं से ऊपर के 60-70 प्रतिशत विद्यार्थियों को स्कूल की व्यवस्था के अनुसार विद्यार्थियों के अभिभावकों की अनुमति से बुलाया जा सकता है लेकिन कुछ समय तक ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगीं। नर्सरी से कक्षा आठ तक की कक्षाएं 14 फरवरी से खुलेंगीं।''
उन्होंने आगे कहा, ''95 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूल और 50 फीसदी से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है लेकिन ऐसा कोई मानदंड नहीं है कि सिर्फ वैक्सीन लगवा चुके विद्यार्थियों को ही स्कूलों में प्रवेश की अनुमति मिलेगी या शिक्षकों को वैक्सीन लगवानी होगी।''