U19 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव, BCCI ने किया वेस्टइंडीज भेजने का फैसला

वेस्टइंडीज की सरजमीं पर खेले जा रहे आईसीसी अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप 2022 के क्वार्टर फाइनल में भले ही टीम इंडिया ने जगह बना ली है, लेकिन अपने पिछले मैच में टीम इंडिया ने जैसे-तैसे अपने 11 खिलाड़ी मैदान पर उतारे थे। इसके पीछे का कारण ये था कि कप्तान और उपकप्तान समेत कुल 5 खिलाड़ियों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। हालांकि, भारत ने अपना आखिरी मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया और इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने पांच खिलाड़ियों को त्रिनिदाद एंड टोबैगो भेजने का फैसला किया है।  

बीसीसीआई ने दो बल्लेबाज, एक विकेटकीपर, एक ऑलराउंडर और एक पेसर को अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए भेजने का प्लान बनाया है। बोर्ड ने उदय सहारन, अभिषेक पोरेल (विकेटकीपर), रिशिथ रेड्डी, अंश गोसाई और पीएम सिंह राठौर को इसके लिए चुना है। बीसीसीआई की लॉजिस्टिक्स टीम इन खिलाड़ियों को ट्रेवल प्लान पर काम कर रही है, क्योंकि एंटीगा में इन खिलाड़ियों को 6 दिन का अनिवार्य क्वारंटाइन भी पूरा करना है। इसके बात के भी पूरे चांस हैं कि टीम इंडिया का क्वार्टर फाइनल मैच 29 जनवरी को खेला जाएगा, जिससे कि बाकी खिलाड़ियों को कोरोना से उबरने में समय मिले। 

ग्रुप स्टेज के दूसरे मैच में आयरलैंड के खिलाफ बुधवार को मैदान पर उतरने से पहले भारतीय कैंप में कोरोना के केस सामने आए थे। 6 खिलाड़ियों को आइसोलेट किया गया था। उसी शाम को फिर से सभी खिलाड़ियों का टेस्ट हुआ था और अच्छी बात ये थी कि पेसर वासु वत्स को कोरोना के लक्षण थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में अब 12 खिलाड़ी टीम के पास हैं और ऐसे में शनिवार को युगांडा के खिलाफ आखिरी लीग अपने निर्धारित समय पर खेला जाएगा। वहीं, खिलाड़ियों को एंटीगा भेजने की प्रक्रिया पर आखिरी फैसला शुक्रवार की शाम लिया जाएगा। 

दरअसल, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी इस पूरे मामले की निगरानी कर रही है। आईसीसी ने इस इवेंट के लिए रिलेक्स बायो-बबल अपनाया था, जिसमें खिलाड़ियों को थोड़ी बहुत घूमने-फिरने की आजादी थी। आईसीसी युवा खिलाड़ियों के मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ऐसी योजना अपना रही थी। इस योजना से टीम इंडिया का मैनेजमेंट और बीसीसीआई नाखुश हैं। बोर्ड अधिकारी ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "आरामदायक बबल में रहना एक अच्छा कदम है, लेकिन आईसीसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि होटल केवल टीमों के लिए ही हों। खिलाड़ी अन्य मेहमानों के समान लिफ्ट और प्रवेश/निकास बिंदुओं का उपयोग कर रहे हैं, जो जोखिम भरा है।"