जब विराट कोहली कप्तान थे तभी से मध्यक्रम का प्रदर्शन भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है जिसका समाधान अभी तक नहीं खोजा जा सका है। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने अर्धशतक जमाकर अच्छी वापसी की। उन्होंने कोहली के साथ मिलकर भारत की उम्मीद जगाई लेकिन यह साझेदारी टूटते ही धीमी पिच पर भारतीय मध्यक्रम बिखर गया। दक्षिण अफ्रीका कौशल और रणनीति दोनों मामलों में भारत से अव्वल रहा और ऐसे में राहुल ने कप्तान के रूप में निराश किया।
सबसे अहम सवाल यह है कि अगर वेंकेटश अय्यर से गेंदबाजी नहीं करवानी थी तो वह टीम में क्या कर रहे थे। जब युजवेंद्र चहल और शार्दुल ठाकुर पर रासी वान डेर डुसेन और तेम्बा बवुमा हावी होकर खेल रहे थे तब वेंकटेश का उपयोग छठे गेंदबाज के रूप में क्यों नहीं किया गया।यदि वेंकटेश नंबर छह पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं तो सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग इलेवन में क्यों न शामिल किया जाए जो अनुभवी हैं और दबाव में बेहतर बल्लेबाजी करते हैं।
श्रेयस अय्यर का शार्ट पिच गेंदों के खिलाफ संघर्ष जारी रहा। उन्हें समझना चाहिए कि प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना आसान नहीं हैं और इस तरह से मौका नहीं गंवाया जा सकता है। इस पिच पर स्ट्राइक रोटेट करना जरूरी है। ऐसे में ऋषभ पंत और दोनों अय्यर की भूमिका अहम होगी। पहले मैच में इन तीनों ने निराश किया। उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत है। शार्दुल ठाकुर ने ऐसे समय में अर्धशतक जमाया जबकि भारत की हार तय हो गई थी और किसी तरह का दबाव नहीं था। उनका आकलन हालांकि गेंदबाजी से किया जाएगा जो उनका मुख्य काम है। गेंदबाजी में ठाकुर नाकाम रहे। उन्होंने 10 ओवर 72 रन लुटाए जिससे टीम को नुकसान हुआ। भुवनेश्वर कुमार ने भी वापसी पर निराश किया।
दोनों टीमों के बीच स्पिनरों ने भी अंतर पैदा किया। अश्विन और चहल ने 20 ओवरों में 106 रन दिए और एक विकेट लिया। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मार्करम, तबरेज शम्सी और केशव महाराज ने 26 ओवर किए, 126 रन दिए और चार विकेट लिए। भारतीय स्पिनरों को अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है। अब दोनों मैचों में राहुल की कप्तानी पर सबकी नजर रहेगी। सीमित ओवरों की तुलना में टेस्ट कप्तानी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है और इन मैचों का प्रदर्शन राहुल की दावेदारी के खिलाफ जा सकता है।
टीम इस प्रकार हैं :
भारत: केएल राहुल (कप्तान), शिखर धवन, ऋतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), युजवेंद्र चहल, आर अश्विन, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, जयंत यादव, नवदीप सैनी।
दक्षिण अफ्रीका: तेम्बा बवुमा (कप्तान), केशव महाराज, क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), जुबैर हमजा, मार्को जैनसन, जानेमन मलान, सिसांडा मगला, एडेन मार्करम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, वायने पर्नेल, एंडिले फेहलुकवायो, ड्वेन प्रिटोरियस, कागिसो रबाडा, तबरेज शम्सी, रासी वान डर डुसेन, काइल वेरेने।