वैसे देखें तो हम आंखे बंद करके ऐसे विनाशक रसायनिक द्रव्यों का उपयोग मजबूरी में ही सही किंतु कर तो रहें हैं।इन द्रव्यों से कभी भी ठीक नहीं होने वाली बीमारियां भी हो सकती हैं।ज्यादातर इन रसायनों का उपयोग तरबूज,कान्शीफल,,बैंगन, लौकी,ककड़ी जैसे सब्जियों में होता हैं।वैसे मिलावट तो हमारे देश की पहचान बन गई हैं।अप्राकृतिक दूध,तेल में अखाद्य पदार्थों के तेल की मिलावट,जीरे को सीमेंट के कनों से बनाने का कारखाना कुछ महीनों पहले दिल्ली में पकड़ा गया था।पनीर तो पूरा ही रसायनिक सफेद पदार्थ से बनता पकड़ा गया था।
ऐसे ही और कई चीजें हैं जो हानिकारक पदार्थों से बनाई जाती हैं जैसे रसोई में उपयोग लिए जाने वाले मसालें, हल्दी,मिर्च पाउडर,धनिया पाउडर आदि।
इन सब को संज्ञान में ले प्रशासन को सख्त नियम बना कर उनका सख्ती से पालन करवाना आवश्यक बनता हैं।ऐसी चीजे हमारे बच्चे जो देश का भविष्य हैं, वे भी खाते हैं,तो उनके भविष्य को संवारना हमारी नैतिक जिम्मेवारी हैं, ये भूलना नहीं चाहिए।
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद