प्रदेश में तीन-तीन मंत्रियों के भाजपा सरकार से इस्तीफे को प्रमोद व मोना ने बताया सत्तारूढ़ दल मे विरोध की शुरूआत

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना तथा केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी करने को स्वागत योग्य करार दिया है। सीएलपी नेता आराधना मिश्रा मोना तथा प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पहली राजनीतिक पार्टी बन गयी है जिसके तहत प्रत्याशियों की सूची जारी करने मे यूपी प्रभारी व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जो कहा था उसे यूपी की जनता के सामने सबसे पहले प्रत्याशियों को देने की वचनबद्धता को पूरा किया। गुरूवार को नगर स्थित कैम्प कार्यालय पर मीडिया से रूबरू हुई कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि इस चुनाव मे जनता के सामने किसान तथा शिक्षित व अशिक्षित वर्ग मे बेरोजगारी तथा मंहगाई और कानून व्यवस्था एवं छुटटा जानवर जनता के सामने सबसे बड़ा मुददा बनकर खडा हुआ है। बकौल आराधना मिश्रा मोना ज्वलन्त समस्याओं से जूझ रही प्रदेश की जनता का रूझान भाजपा सरकार के तम्बू खेमे उखडने से जाहिर हो गया है। सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने मीडिया से वार्ता मे कहा कि प्रदेश मे तीन-तीन मंत्रियो के त्याग-पत्र से यह भी जग जाहिर हो गया है कि बुनियादी मुददो को सरकार की नाकामियो से बड़ी संख्या मे विधायक और मंत्री भाजपा की डूबती जहाज से कूदकर भाग रहें है। उन्होने कहा कि त्याग पत्र देने वाले मंत्रियो व विधायको को यह आभास हो गया है कि वह भाजपा के साथ अब डूबना नही चाहते। प्रमोद तिवारी एवं विधायक मोना ने दावा किया है कि बुधवार से दो कैबिनेट मंत्रियो व भाजपा से मोह भंग करने वाले विधायको से वार्ता मे यह नतीजा सामने आया है कि भाजपा अब इस विधानसभा चुनाव मे सैकडा का आंकडा नही छू पायेगी। कांग्रेस नेताद्वय ने तो यहां तक दावा जताया है कि भाजपा छोडकर आने वालों की यह पहली किस्त है अभी मकर संक्रांति का भी भाजपा से दामन छुडाने वालों को सही वक्त का इंतजार है। प्रमोद तिवारी ने तंज कसा कि अभी तक सत्तारूढ़ दल द्वारा विधायको को तोडने का मंजर देखा गया था किंतु तीन मंत्रियो का सरकार से जो कारण बताकर इस्तीफा दिया गया है वह भाजपा के अंदर राजनीतिक विद्रोह की गंभीर स्थिति का आगाज है। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मंत्रियो के लगातार त्यागप पत्र देने की इस श्रृंखला से यह भी साबित हो रहा है कि भाजपा का स्वयं के लोगों मे भी राजनीतिक विश्वास टूट रहा है। श्री तिवारी ने कहा कि मंत्रिमण्डल से स्वामी प्रसाद मौर्य का त्याग पत्र देना प्रतापगढ़ व रायबरेली जनपद मे भाजपा को बड़ा नुकसानदेह साबित होगा। वहीं प्रमोद तिवारी के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठतम मंत्री थे और उनके समर्थको की संख्या काफी अधिक थी जिसके चलते पिछले चुनाव मे मौर्य के फैक्टर ने भाजपा की बड़ी मदद की थी। इसके बाद प्रमोद तिवारी तथा विधायक मोना केैम्प कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से भी रूबरू हुये। श्री तिवारी एवं विधायक मोना ने कार्यकर्ताओं से आगामी पन्द्रह जनवरी के बाद डोर टू डोर जनसंपर्क मे जुटने के भी निर्देश दिये। विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह कोविड प्रोटोकॉल का निर्वहन करते हुए डोर टू डोर संपर्क मे क्षेत्रीय विकास की अपनी उपलब्धियां जनता के बीच रखें। वहीं कार्यकर्ताओं से नेताद्वय ने यह भी कहा कि क्षेत्र मे लोगों को यह भी बतायें कि भाजपा सरकार ने क्षेत्रीय विकास मे ज्यादतियों के तहत ट्रामा सेंटर को क्रियाशील न होने देने के कारण निर्दोष लोगों की मौतों की भी कैसे जबाबदेह हुई है। विधायक मोना ने कहा कि मंगापुर-उदयपुर ब्लाक का क्रियान्वयन न करके मौजूदा सरकार ने विकास के एक बड़े मिशन को रोका तो सरकार ने रेल लाइन रोककर रामपुरखास की बहुउददेश्यीय आत्मनिर्भरता पर भी हमला किया है। कांग्रेस नेताओं ने सांगीपुर ब्लाक की घटना की आड़ मे छः फर्जी एफआईआर भी लिखाये जाने को जनता के बीच वास्तविक तथ्यों के साथ मजबूती से रखने पर जोर दिया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रतापगढ़ प्रभारी राम गिंडलानी, ब्लाक प्रमुख अमित सिंह पंकज, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, सांगीपुर प्रमुख अशोक सिंह, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, आशीष उपाध्याय, आचार्य विन्देश्वरी पटेल, केडी मिश्र, मो. जावेद, दृगपाल यादव, माताफेर पाल, छोटे लाल सरोज, रामचंद्र तिवारी, पप्पू तिवारी, हृदय नारायण मिश्र, बृजेश द्विवेदी, रिंकू परिहार, लल्लन सिंह, त्रिभु तिवारी, शास्त्री सौरभ, सोनू शुक्ल, रमेश कौशल, अनिल पाण्डेय, मुन्ना शुक्ल, शैलेन्द्र मिश्र, लल्लन मिश्र, विमलेश नारायण तिवारी, श्रीकांत मिश्र, जीतेन्द्र मिश्र, पूनम सिंह, साधना गौतम आदि रहे।