----- तीखा तीर -----

बदले  ताज  पर  राज  नहीं 

है   अंतरमन   अर्मान  यही 

है घरतंत्र  का  फर्मान  वहीं 

कर  रहे हैं सब प्रयास य़हीं 

पर होगा  क्या  जाने  कोई 

बक्त  पर  चलता  जोर नहीं 

----- वीरेन्द्र  तोमर