हमारी अच्छाइयों को करता है उजागर।
जो एक बार कर ले प्राप्ति ज्ञान की,
तो जिंदगी हो जाएगी शान की।
ज्ञान की प्राप्ति के लिए शांत मन चाहिए,
मन पर नियंत्रण करो अगर ज्ञान चाहिए।
ज्ञान नहीं मिलता किताबों से,
न ही सम्मानित खिताबों से।
ज्ञान तो अंतर्मन में है,
ना कि छोटे-मोटे धन में है।
ज्ञान तो जालों का गुच्छे है,
वह ज्ञान नहीं पा सकता
जिसका मन न अच्छा है।
ज्ञान है वह सीढ़ी,
जिसपर हम चढ़ रहे पीढ़ी दर पीढ़ी।
ज्ञान का कोई अंत नहीं है,
जो संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर ले
वो कोई साधारण संत नहीं है।
जिससे ज्ञान ले सको
ऐसा कोई यंत्र नहीं है,
ज्ञान को हरा सके ऐसा मंत्र नहीं है,
ज्ञान को जाल में फंसा सके
ऐसा कोई तंत्र नहीं है।
अपने मन पर काबू पा लो,
ज्ञान का यह मिठा फल खालो।
-- दीप्ति सिंह
छपरा , बिहार