मैं पुजारी बन जाता हूँ
दिल की मंदिर में तेरी तस्वीर सजा
तुम्हें प्यार से सजदा करता हूँ
तुँ सागर बन लहरों से खेल
मैं साहिल बन जाता हूँ
तुँ नैय्या बन कर पार ले जाना
मैं नाविक बन जाता हूँ
तुँ राधा बन कदम्ब तले आना
मैं कान्हा बन जाता हूँ
तुँ प्रेम गीत होठों से गुनगुनाना
मैं सरगम बन जाता हूँ
तुँ चमन में कलियाँ बन मुस्कुराना
मैं माली बन जाता हूँ
तुँ गुलशन में बेला चमेला बन महकना
मैं भौंरा बन जाता हूँ
तुँ दर्पण बन सम्मुख आना
मैं श्रृंगार बन जाता हूँ
तेरी माँग में सिन्दूर सजा
मै रखवाला बन जाता हूँ
तुँ नभ की चन्दा बन जाना
मैं चकोर बन जाता हूँ
झिलमिल झिलमिल तारे बन आना
मैं प्रकाश बन जाता हूँ
तुँ सपना बन ख्वाब में आना
मैं निंदिया बन जाता हूँ
तुँ धड़कन बन सीने में धड़कना
मैं दिल बन जाता हूँ
तुँ बरसा की बुंदे बन बरसना
मैं बादल बन जाता हूँ
तुँ मेरी मन मंदिर में बस जाना
मैं पुजारी बन जाता हूँ ।
उदय किशोर साह
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
9546115088