आपको बता दें कि, राज्य में कोरोना, आरक्षण व अन्य कारणों के फेर में पिछले ढाई साल से लटकी पड़ी फार्मासिस्ट की भर्ती अब सही पटरी पर आती नजर आ रही है। इसके अलावा इसी भर्ती के लिए प्रदेश के चिकित्सा विभाग ने पदों की संख्या 1736 से बढ़ाकर 4105 करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा था। जिस पर प्रदेश के वित्त विभाग व डीओपी ने मुहर लगा दी है और सिर्फ कैबिनेट के द्वारा हामीं भरने का इंतज़ार किया जा रहा है। इसके बाद इस भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश के कर्मचारी चयन बोर्ड को सौंप दी जाएगी।
गौरतलब है कि, कर्मचारी चयन बोर्ड ने साल 2018, अगस्त में इस भर्ती के लिए 1736 पदों पर आवेदन मांगे गए हैं। इसके बाद आरक्षण का मामला (ईडब्ल्यूएस और एमबीसी) लागू करने के बाद दुबारा से आवेदन मांगे गए थे, जिसके बाद चयन बोर्ड ने इस भर्ती के लिए परीक्षा की तिथि 19 अप्रैल घोषित कर दी थी। जिसे कोरोनाकाल में चल रहे लॉकडाउन के चलते रद्द करना पड़ा था। इसके बाद तय किया गया था कि परीक्षा पिछले साल के अंत में 27 दिसंबर को आयोजित कराई जाएगी। लेकिन उसे भी किन्ही कारणों से निरस्त कर दिया गया था।