दुर्गम सुगम बनाएँ कैसे , किस विधि करें हम और सुधार ?
किसके बिन है कौन अधूरा,आओ मिल सभी करें विचार।।
सेवा माता - पिता की पहले ,
और फिर ईश्वर का कर ध्यान।
माँगें ज्ञान मान ना मिलता ,
चाहिए श्रद्धा और सम्मान ।
यूँ ही नहीं सफलता मिलती , ईंट - ईंट से बने दीवार ।
किसके बिन है कौन अधूरा ,आओ मिल सभी करें विचार।।
अच्छी आदत और इबादत,
करती चरित्र को है महान ।
परोपकार व आज्ञा पालन ,
सहानुभूति ,दया संग दान ।
जैसे सूरज साथ रोशनी , वैसे ही शिक्षा संग संस्कार ।
किसके बिन है कौन अधूरा ,आओ मिल सभी करें विचार।।
शिष्ट आचरण और सादगी ,
मिल व्यक्तित्व का करें निखार।
बिन विश्वास प्यार न पनपे,
बिन व्यवहार नहीं व्यापार ।
नशा नाश का नाम बताया , नित - दिन करता नये शिकार ।
किसके बिन है कौन अधूरा ,आओ मिल सभी करें विचार।।
ताली , गाली और प्रशंसा ,
बदल सके नहीं मन का भाव।
हार - जीत , लाभ और हानि ,
डाल ना पायें निज प्रभाव ।
अभ्यास और प्रयास का तो ,करती सफलता खुद सत्कार।
किसके बिन है कौन अधूरा ,आओ मिल सभी करें विचार।।
नफे सिंह योगी मालड़ा
महेंद्रगढ़ हरियाणा
किसके बिन है कौन अधूरा