तेइस साल के पंत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 97 रन की पारी खेली जिससे भारत मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा जबकि ब्रिसबेन में उनकी नाबाद 89 रन की पारी की बदौलत भारत ने जीत दर्ज करते हुए ऐतिहासिक सीरीज जीती। यह पुरस्कार हासिल करने पर खुशी जताते हुए पंत ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए टीम की जीत में योगदान देना सबसे बड़ा पुरस्कार होता है, लेकिन इस तरह की पहल युवाओं को खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती है।
उन्होंने कहा, ''मैं टीम इंडिया के प्रत्येक सदस्य को यह पुरस्कार समर्पित करता हूं जिसने ऑस्ट्रेलिया में हमारी जीत में योगदान दिया। मैं सभी फैन्स को भी धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे वोट दिया।'' पंत के इस पुरस्कार के जीतने पर आईसीसी वोटिंग अकादमी के सदस्य और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज राजा ने कहा, ''पंत ने यह दोनों पारियां दबाव में और अलग तरह की चुनौतियों का सामना करते हुए खेलीं। उन्होंने मैच को ड्रॉ करने और जीतने में अपनी कौशल की विविधता दिखाई। इस दौरान उन्होंने कमाल की मानसिकता दिखाई थी।''