जीवन का प्यार हैं बच्चे
जीवन का प्रमुदित प्यार हैं बच्चे।
उत्साह नवल सत्कार हैं बच्चे।।
मधुरिम हास्य का उपहार बांटते।
सरिता का कलरव, धार हैं बच्चे।।
आंखों में शुभ इंद्रधनुष तैरते।
अम्बर अनंत विस्तार हैं बच्चे।।
खुशियों का मकरंद नेह लुटाते।
मधुमास वसन्त बहार हैं बच्चे।।
मानव मूल्यों के सबल संवाहक।
शुभ संस्कृति के आधार हैं बच्चे।।
हर दिवस उत्सव पावन बन जाता।
उल्लास, उमंग, उजियार हैं बच्चे।।
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• प्रमोद दीक्षित मलय
मोबा : 94520-85234