नीली आसमां के छाँव में
प्रीत का मीत तुमको बनायें
प्रेम गीत तेरे संग संग गायें
अय हवा हमको बहका दो
गुलशन में खुशबू महका दो
बगिया में कलियों के संग
गीत गुनगुनायें कुछ पल तेरे संग
देखो पपीहा कुछ गाती है
कोयलिया संग संग मुस्कुराती है
भौंरा चूम रहा फूलों की पंख
आओं गीत गाये कुछ पल तेरे संग
बरखा की बूंदे मन को भिगोंये
तन मन पर फुहार बरसाये
घोल रहा हवा में है कोई भंग
आओ गीत गुनगुनायें कुछ पल तेरे संग
मौसम बदल ली है अब वो करवट
हवा भी रूख बदल ली है झट पट
बदली ने ऑचल लगाया है अंग
आओ गीत गायें कुछ पल तेरे संग
कह दो बहार को काई लौट वापस आये
फिजां में फिर गुलशन सज जाये
लगा लो प्यार से अब अपने अंग
आओ गीत गायें कुछ पल तेरे संग।
उदय किशोर साह
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