दिल्ली उच्च न्यायालय लगा चुका है रोक
नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चों के आधार कार्ड लेने की शर्त पर दिल्ली उच्च न्यायालय रोक लगा चुका है। इसके बाद शैक्षणिक 2019-20 के लिए संपन्न हुई दाखिला प्रक्रिया से पूर्व में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने स्कूलों को निर्देशित किया था कि वह दाखिले से पहले 12 अंकों वाली बायोमीट्रिक संख्या (आधार) मुहैया कराने की पूर्व शर्त नहीं रखें। इस संबंध में यूआईडीएआई ने स्कूलों को चेतावनी दी थी कि ऐसा करना न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ होगा। यूआईडीएआई के मुताबिक, आधार की मांग ठीक नहीं है। यह कानून के प्रावधानों के अनुसार नहीं है। स्कूलों में दाखिले तथा बच्चों की अन्य सुविधाओं के लिये आधार मुहैया कराना अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।
सिर्फ घर के पते के लिए जमा होते हैं दस्तावेज
शिक्षा निदेशालय की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के तहत नर्सरी दाखिले के लिए स्कूल अभिभावकों व बच्चों से किसी भी तरह के शैक्षणिक व पहचान संबंधी दस्तावेज की मांग नहीं कर सकते हैं। न ही स्कूल अभिभावकों और बच्चों के फोटो आवेदन के दौरान ले सकता है। आवेदन के समय स्कूल अभिभावकों से घर के पते के दस्तावेज के तौर पर कुछ चुनिंदा दस्तावेज की मांग कर सकता है। इन दस्तावेजों को निदेशालय ने चिंहित किया हुआ है। जिनमें से एक दस्तावेज को आवेदन के समय स्वप्रमाणित कर लगाया जा सकता है।
इन दस्तोवजों में कोई एक जरूरी
- बच्चे के माता या पिता में से किसी एक के नाम जारी राशन या स्मार्ट कार्ड
- बच्चे या उसके माता-पिता के नाम जारी मूल निवास प्रमाण पत्र
- किसी भी एक अभिभावक के नाम जारी मतदाता पहचान प्रमाण पत्र
- बच्चे के माता-पिता में से किसी एक के नाम जारी बिजली, पानी का बिल या पासपोर्ट
- बच्चे के माता-पिता में से किसी एक के नाम जारी आधार कार्ड