शहरों और सड़कों की दशा
बदलने की बात थी
और ' उन्होंने ' नाम बदलकर ही
तसल्ली कर ली।
कार्य-संस्कृति में बदलाव करके
सुधार करने की बात थी
और ' उन्होंने ' खूब प्रचार करके ही
तसल्ली कर ली।
महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता उपाय
करने की बात थी
और ' उन्होंने ' उसी पर दोष मढ़कर
तसल्ली कर ली।
किसानों, मजदूरों के हालातों में
बदलाव की बात थी
और ' उन्होंंने ' खालिस्तानी, वामपंथी करार
देकर तसल्ली कर ली।
सबको अपना मानकर भेदभाव ना
करने की बात थी
और ' उन्होंने ' विरोधियों को देशद्रोही करार
देकर तसल्ली कर ली।
जितेन्द्र ' कबीर '
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