आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र चौथी बार बने उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष


लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु निर्मित टास्क फोर्स में नामित सदस्य उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र को संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं प्रशासनिक कार्यों को संस्कृत क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ सहज रूप से संचालन हेतु अध्यक्ष पद पर पुनः एक वर्ष के लिए नामित किया गया। इन्दिरा नगर स्थित कार्यालय परिसर में आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र ने आज विधिवत अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया गया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. मिश्र ने वर्ष 2017 में 25 सितंबर को प्रथम बार संस्थान के अध्यक्ष पद हेतु नामित हुए थे, तीन वर्ष के कार्यकाल द्वारा संस्थान को नित नई ऊचाइयों को स्पर्श कराकर एक नया आयाम प्रदान किया। सूचना क्रांति से संस्कृत को विश्व पटल पर पहुँचाने के लिए संकल्पित आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र के नेतृत्व में संस्थान द्वारा प्रदेश के सभी डायट केन्द्रों पर प्राइमरी शिक्षकों को संस्कृत शिक्षण,प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल संचालन, प्रदेश के नवोदय विद्यालयों में प्रथम बार संस्कृत सम्भाषण कक्षाओं का संचालन तथा शिक्षकों की नियुक्ति के अवसर, प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेरिट के आधार पर एक संस्कृत पाठशाला को कम्प्यूटर, मेज एवं अलमारी का वितरण। विगत एक वर्ष से संस्कृत विषय के साथ न्च्ैब् परीक्षाओं की सम्पूर्ण तैयारी पूर्णतया निःशुल्क हो रही है। संस्कृत-छात्रों के लिए तीन हजार की मासिक अध्येता-वृत्ति भी एतदर्थ दी जा रही है, संस्कृत पाठशाला के छात्रों को छात्रवृत्ति, प्रत्येक जिले में सरल संस्कृत सम्भाषण शिविरों के लघु अवधि के पाठ्यक्रम। कोरोना काल में नई शिक्षा नीति 2020 पर अंतर्राष्ट्रीय एव अखिल भारतीय वेबिनार एवं प्रथम स्तरीय ऑनलाइन सरल संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षाओं का सफल संचालन हुआ।